Dairy Development Yojana: सरकार किसानों को दे रही लाखो रुपये का लोन, जानिए क्या है इसका लाभ

Dairy Development Yojana: सरकार किसानों को दे रही लाखो रुपये का लोन, जानिए क्या है इसका लाभ

सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई योजनाएं चला रही है, इसके साथ ही कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा कई नई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं का लाभ उठाकर कई युवा रोजगार पा रहे हैं। इसी तरह डेयरी व्यवसाय शुरू करने के लिए नाबार्ड द्वारा Dairy Development Yojana के माध्यम से सस्ते लोन दिए जा रहे हैं, जिससे न केवल युवाओं को फायदा होगा, बल्कि किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।

योजना के उद्देश्य

  • स्वरोजगार सृजित करना तथा डेयरी क्षेत्र के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराना
  • अच्छे प्रजनन स्टॉक के संरक्षण और विकास के लिए बछड़े के पालन को प्रोत्साहित करें
  • असंगठित क्षेत्र में संरचनात्मक परिवर्तन लाना ताकि दूध का प्रारंभिक प्रसंस्करण गांव स्तर पर किया जा सके।
  • व्यावसायिक स्तर पर दूध के प्रबंधन के लिए पारंपरिक प्रौद्योगिकी का उन्नयन
  • दुग्ध उत्पादों के प्रसंस्करण और उत्पादन के माध्यम से दूध को मूल्य संवर्धन प्रदान करना।

सहायता का पैटर्न

  1.  1.6 लाख से अधिक ऋण के लिए उद्यमी योगदान (मार्जिन) – परिव्यय का 10% (न्यूनतम)
  2. अंतिम पूंजी सब्सिडी – सामान्य श्रेणी के किसानों के लिए परियोजना लागत का 25% और अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए 33.33%
  3. प्रभावी बैंक ऋण – शेष भाग

लक्ष्य समूह/लाभार्थी

  • किसान, व्यक्तिगत उद्यमी तथा असंगठित एवं संगठित क्षेत्र के समूह। संगठित क्षेत्र के समूह में स्वयं सहायता समूह, डेयरी सहकारी समितियां, दुग्ध संघ, दुग्ध महासंघ, पंचायती राज संस्थाएं आदि शामिल हैं।
  • आवेदक योजना के अंतर्गत सभी घटकों के लिए सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र होगा, लेकिन प्रत्येक घटक के लिए केवल एक बार।
  • इस योजना के तहत एक परिवार के एक से अधिक सदस्यों को सहायता दी जा सकती है, बशर्ते वे अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग बुनियादी ढांचे वाली अलग-अलग इकाइयाँ स्थापित करें। ऐसे दो खेतों की सीमाओं के बीच की दूरी कम से कम 500 मीटर होनी चाहिए।
  • डेयरी किसानों/एसएचजी/सहकारी समितियों/उत्पादक कंपनियों में महिलाओं को शामिल करते हुए क्लस्टर मोड में कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी
  • अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिला/भूमिहीन/लघु एवं सीमांत/बीपीएल किसानों तथा सूखाग्रस्त क्षेत्रों के किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी।

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